आज 24 जुलाई 2025 का दिन मेरे लिए खास रहा क्योंकि आज मेरी हिन्दी की परीक्षा थी। सुबह से ही मन में थोड़ा उत्साह और थोड़ी सी घबराहट दोनों थी, लेकिन जैसे ही मैं स्कूल पहुँचा और अपनी किताबों को देखा, आत्मविश्वास फिर से लौट आया।
परीक्षा का प्रारूप
हमारी हिन्दी परीक्षा में बहुत सारी मज़ेदार और ज्ञानवर्धक गतिविधियाँ शामिल थीं। हमने इन पुस्तकों और विषयों से तैयारी की थी:
📚 पुस्तकें और अभ्यास
- हिन्दी बालवाटिका अभ्यास पुस्तिका – पृष्ठ संख्या 2, 4, 16 और 20
- हिन्दी सारिका अभ्यास पुस्तिका – पृष्ठ संख्या 2 से 15 तक
- स्वर (अ से अ:) की पहचान और अनुलेखन
- चित्र देखकर ध्वनि की पहचान (अ से अ:)
- वर्णों को सही क्रम में जोड़ना
- और साथ ही कुछ मौखिक कविताएँ: प्रार्थना, तितलाराम, पानी बरसा और छोटे पंच
🎨 इसके अलावा हमने matching, counting और colouring activities भी कीं जो कि बहुत ही आनंददायक रहीं।
परीक्षा का अनुभव
जैसे ही परीक्षा शुरू हुई, मैं पहले तो थोड़ा नर्वस था, लेकिन जब पहला सवाल आया तो सब कुछ याद आने लगा। मैंने पूरे मन से हर सवाल को हल किया, चित्रों को ध्यान से देखा, ध्वनि पहचानी, वर्णों को सही क्रम में मिलाया और रंग भरने वाली गतिविधि को बहुत अच्छे से किया।
मौखिक कविता वाले भाग में मैंने पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी कविताएँ सुनाईं और मेरे शिक्षक ने सराहना भी की। इससे मेरा मनोबल और भी बढ़ गया।
सीखा क्या?
इस परीक्षा के ज़रिए मैंने सीखा कि अगर हम समय से पहले तैयारी करें और रोज़ थोड़ा-थोड़ा अभ्यास करें तो परीक्षा से डरने की ज़रूरत नहीं होती। सबसे ज़रूरी बात, मैंने सीखा कि हिन्दी भाषा को हम जितना प्यार देंगे, वो उतनी ही सुंदर लगेगी।
अंत में…
परीक्षा खत्म होते ही एक सुकून का एहसास हुआ। मुझे लगा जैसे मैंने कोई मिशन पूरा कर लिया हो। अब मैं अगली परीक्षा की तैयारी के लिए और भी ज़्यादा जोश और मेहनत के साथ तैयार हूँ।