मेरा पहला दिन – कान्हा माखन पब्लिक स्कूल में कविता ।
मन में उमंगें, थोड़ा था डर भी साथ।
पहुँचा जब कान्हा माखन स्कूल के द्वार,
मिलकर शिक्षिकाओं से हुआ मन खुशहाल।
तिलक लगा, हुआ स्वागत प्यारा,
पर दिल में था एक कोना संवारा।
माँ-पापा से जब दूर हुआ,
आँखों में नमी का सागर भरा।
बस में बैठा, मन घबराया,
नई जगह को समझ न पाया।
पर धीरे-धीरे रंग बिखरने लगे,
मस्ती के पल संवरने लगे।
हथेली पर जब रंग लगाया,
बोर्ड पर छाप इसे सजाया।
नीला रंग था मेरा साथी,
इस खेल में छुपी थी बाती।
बैंगनी गुब्बारा हाथ में आया,
मन ने नया उत्साह पाया।
ललिता मैम ने प्यार जताया,
मुझे नए माहौल से मिलाया।
अब तो स्कूल मेरा घर सा लगे,
नए दोस्त, नए सपने जगे।
प्रणय चौधरी हौसले से बढ़ेगा,
खुशियों की बगिया में खिलेगा।
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प्रणय चौधरी
फ़ाउंडेशन सैक्शन (ब)
कान्हा माखन पब्लिक स्कूल मथुरा